*जी7 बैठक क्या है?*

 जी7 बैठक में भारत की भागीदारी एक महत्वपूर्ण विषय है, खासकर जब से भारत को इस बार देर से आमंत्रण मिला है। आइए जानते हैं इसके पीछे की वजहें और भारत की प्रतिक्रिया:


*जी7 बैठक क्या है?*


जी7 यानी 'ग्रुप ऑफ़ सेवन' दुनिया की सात विकसित अर्थव्यवस्थाओं का समूह है, जिनका वैश्विक व्यापार और वित्तीय व्यवस्था पर मजबूत प्रभाव है। इस समूह में जापान, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इटली, यूके और कनाडा शामिल हैं।


*भारत को देर से क्यों बुलाया गया?*


भारत को जी7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित करने में देरी की वजह कनाडा के साथ भारत के संबंधों में तनाव हो सकती है। कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था, जिसे भारत ने सिरे से खारिज कर दिया था। हालांकि, कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने पीएम मोदी को जी7 सम्मेलन में आमंत्रित किया है।


*भारत की प्रतिक्रिया*


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा के अल्बर्टा प्रांत के कनानास्किस में आयोजित जी7 शिखर सम्मेलन में कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से द्विपक्षीय बैठक की। इस बैठक में दोनों नेताओं ने भारत-कनाडा संबंधों को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की। पीएम मोदी ने कहा कि भारत और कनाडा के बीच संबंध अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और जी7 शिखर सम्मेलन में भारत को आमंत्रित करने के लिए कनाडा सरकार का आभारी हूं।


*भारत-कनाडा संबंधों में सुधार*


यह मुलाकात दोनों देशों के बीच पिछले कुछ वर्षों में आए तनाव के बाद संबंधों में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। दोनों नेताओं ने आपसी सम्मान और साझा हितों के आधार पर सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने कहा कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसलिए जी7 में भारत का होना आवश्यक है 


दुनिया भर में जी7 शिखर सम्मेलन की चर्चाएं हो रही हैं। इस सम्मेलन में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और कनाडा जैसे शक्तिशाली देशों के नेता शामिल हुए। हाल ही में संपन्न हुए जी7 शिखर सम्मेलन में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई, जिनमें से कुछ प्रमुख विषय हैं ¹ ²:

- *इजरायल-ईरान तनाव*: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को परमाणु हथियार योजना रोकने की चेतावनी दी है। उन्होंने दावा किया कि इजरायल ने ईरान पर एयर स्ट्राइक शुरू कर दी है। ट्रंप के इस बयान के बाद वैश्विक स्तर पर हलचल मच गई है।

- *रूस-यूक्रेन विवाद*: जी7 शिखर सम्मेलन में रूस-यूक्रेन विवाद पर भी चर्चा हुई। ट्रंप ने सुझाव दिया कि रूस को जी7 समूह में वापस शामिल किया जाना चाहिए, जिससे वैश्विक अस्थिरता कम हो सकती है।

- *जी7 की भूमिका*: ट्रंप ने जी7 की भूमिका पर भी सवाल उठाए और कहा कि चीन को भी इस समूह में शामिल किया जाना चाहिए। यह बयान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।

- *भारत की भूमिका*: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जी7 शिखर सम्मेलन में शामिल हुए, लेकिन ट्रंप के अचानक अमेरिका रवाना होने के कारण दोनों नेताओं की बहुप्रतीक्षित मुलाकात नहीं हो सकी। यह एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक अवसर था जो फिलहाल टल गया है।


इन मुद्दों पर दुनिया भर में प्रतिक्रियाएं हो रही हैं। कुछ लोगों का मानना है कि जी7 शिखर सम्मेलन में लिए गए निर्णय वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण होंगे, जबकि अन्य लोगों को लगता है कि यह सम्मेलन वैश्विक समस्याओं का समाधान करने में असमर्थ होगा।


जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और इतालवी प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के बीच एक दिलचस्प पल भी देखने को मिला। मैक्रों ने मेलोनी के कान में कुछ कहा, जिससे मेलोनी की आंखें चौड़ी हो गईं। यह पल सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और लोगों ने इसके बारे में तरह-तरह की अटकलें लगाईं ।